Brahamavali: Brahamand Rahasya | Shivendra Suryavanshi || ब्रह्मावली: ब्रह्मांड रहस्य | शिवेंद्र सूर्यवंशी

Brahamavali: Brahamand Rahasya | Shivendra Suryavanshi || ब्रह्मावली: ब्रह्मांड रहस्य | शिवेंद्र सूर्यवंशी

परमब्रह्म ने जब सृष्टि की रचना का विचार किया, तो उन्होंने सभी सप्ततत्वों को उनका स्वयं का मस्तिष्क देकर अपने श्रेष्ठ रुप में आने को कहा। सहस्त्रों वर्षों के असीम ज्ञान के पश्चात् सभी सप्ततत्वों में से अग्नि ने अपना सर्वश्रेष्ठ रुप प्राप्त कर लिया। फलस्वरुप परमब्रह्म व माता आदिशक्ति ने ‘अग्निमंथन’ का विचार किया। इस अग्निमंथन के प्रभाव से 14 दिव्य रत्नों की प्राप्ति हुई। यह 14 रत्न स्वयं में दिव्य शक्तियाँ समेटे हुए थे। अब परमब्रह्म ने इन दिव्य शक्तियों की सुरक्षा का भार एक ऐसी अद्भुत शक्ति को दिया, जिसका नाम स्वर्णिम था और जो स्वयं इस अग्निमंथन से प्रकट हुई थी। स्वर्णिम ने इन सभी 14 रत्नों को ब्रह्मावली नामक एक दिव्य संदूक में छिपा दिया। कोई दुष्ट जीव इस दिव्य संदूक को प्राप्त ना कर पाये, इसलिये परमब्रह्म ने एक ऐसे सूक्ष्म ब्रह्मांड की रचना की, जो इस आकाशगंगा से दूर अनंत समय में छिपा हुआ था। परंतु एक विचित्र घटना के फलस्वरुप ब्रह्मावली उस सूक्ष्म ब्रह्मांड से निकलकर वर्तमान के समय में आ पहुँची। जहाँ एक दुष्ट प्राणी ने ब्रह्मावली को अपने अधिकार में ले लिया। वैसे तो उस दुष्ट प्राणी को ब्रह्मावली की पूर्ण शक्तियों का भान नहीं था, परंतु इस घटना के फलस्वरुप पृथ्वी का अस्तित्व एक बार पुनः संकट में आ गया। इस प्रकार शुरु हुई एक ऐसी प्रश्नावली, जिसने मनुष्य ही नहीं, वरन् देवताओं का मस्तिष्क भी हिला दिया-
1) सूक्ष्म ब्रह्मांड में उपस्थित कणलोक का क्या रहस्य था?
2) क्या हुआ जब ब्रह्मावली से निकले नन्हे तरबूज ने अफ्रीका महाद्वीप के एक शहर पर ही अपना अधिकार कर लिया?
3) समुद्र के अंदर छिपे प्राचीन भाग्यनगर का क्या रहस्य था? क्या वह ब्रह्मकण से निर्मित मत्स्यकन्या लावण्या का नगर था?
4) नागरानी नीलांगी व देवकन्या हरिणी के युद्ध का क्या परिणाम रहा? क्या हरिणी, नारायण के मोहनास्त्र से नीलांगी को पराजित कर सकी?
5) वैशाली नामक कन्या कौन थी? जो हनुका को ‘यति बाबा’ कह कर पुकारती थी?
6) ब्रह्मगुफा में स्थित ब्रह्मदंड का क्या रहस्य था?
7) क्या ब्रह्मलोक में स्थित मायावी मनके, व्योम के शरीर पर चढ़ा माँ गंगे का सुरक्षा कवच भेद पाये?
8) कौन था राजा सत्यकुल जो रात्रि में श्वेत रीक्ष में परिवर्तित होकर मायाताल में स्नान करने जाता था?
9) क्या नेत्रासुर का नेत्रयंत्र किसी को भी दूसरे समयकाल में भेज देता था?
10) विशाल पक्षज कौन था, जिसकी मूर्ति को निर्झरा ने अपने आधुनिक नगर में लगाया था?
11) कौन थी मृगंधा हिरणी जो आकाश में उड़ना भी जानती थी?
12) कौन थी वह विचित्र शक्ति, जिसने काले मेघ का रुप धारण कर, वर्तिका व सूर्यांश पर आक्रमण कर दिया?
13) कौन था विक्रांत? जो मयासुर पुस्तक को लिखते-लिखते अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था? वह बार-बार अलग-अलग स्थानों पर कैसे दिख रहा था?
ऐसे ही अनेकों विचित्र रहस्यों को जानने के लिये आइये पढ़ते हैं, ब्रह्मकथा की नवीनतम रचना, जिसमें आप स्वयं को एक ऐसे पौराणिक संसार में पायेंगे, जिसका हर एक पात्र आपके मस्तिष्क पर छा जायेगा। जिसका नाम है-
“ब्रह्मावली – ब्रह्मांड रहस्य”

Description

ब्रह्मावली: ब्रह्मांड रहस्य

लेखक – शिवेंद्र सूर्यवंशी 

परमब्रह्म ने जब सृष्टि की रचना का विचार किया, तो उन्होंने सभी सप्ततत्वों को उनका स्वयं का मस्तिष्क देकर अपने श्रेष्ठ रुप में आने को कहा। सहस्त्रों वर्षों के असीम ज्ञान के पश्चात् सभी सप्ततत्वों में से अग्नि ने अपना सर्वश्रेष्ठ रुप प्राप्त कर लिया। फलस्वरुप परमब्रह्म व माता आदिशक्ति ने ‘अग्निमंथन’ का विचार किया। इस अग्निमंथन के प्रभाव से 14 दिव्य रत्नों की प्राप्ति हुई। यह 14 रत्न स्वयं में दिव्य शक्तियाँ समेटे हुए थे। अब परमब्रह्म ने इन दिव्य शक्तियों की सुरक्षा का भार एक ऐसी अद्भुत शक्ति को दिया, जिसका नाम स्वर्णिम था और जो स्वयं इस अग्निमंथन से प्रकट हुई थी। स्वर्णिम ने इन सभी 14 रत्नों को ब्रह्मावली नामक एक दिव्य संदूक में छिपा दिया। कोई दुष्ट जीव इस दिव्य संदूक को प्राप्त ना कर पाये, इसलिये परमब्रह्म ने एक ऐसे सूक्ष्म ब्रह्मांड की रचना की, जो इस आकाशगंगा से दूर अनंत समय में छिपा हुआ था। परंतु एक विचित्र घटना के फलस्वरुप ब्रह्मावली उस सूक्ष्म ब्रह्मांड से निकलकर वर्तमान के समय में आ पहुँची। जहाँ एक दुष्ट प्राणी ने ब्रह्मावली को अपने अधिकार में ले लिया। वैसे तो उस दुष्ट प्राणी को ब्रह्मावली की पूर्ण शक्तियों का भान नहीं था, परंतु इस घटना के फलस्वरुप पृथ्वी का अस्तित्व एक बार पुनः संकट में आ गया। इस प्रकार शुरु हुई एक ऐसी प्रश्नावली, जिसने मनुष्य ही नहीं, वरन् देवताओं का मस्तिष्क भी हिला दिया-
1) सूक्ष्म ब्रह्मांड में उपस्थित कणलोक का क्या रहस्य था?
2) क्या हुआ जब ब्रह्मावली से निकले नन्हे तरबूज ने अफ्रीका महाद्वीप के एक शहर पर ही अपना अधिकार कर लिया?
3) समुद्र के अंदर छिपे प्राचीन भाग्यनगर का क्या रहस्य था? क्या वह ब्रह्मकण से निर्मित मत्स्यकन्या लावण्या का नगर था?
4) नागरानी नीलांगी व देवकन्या हरिणी के युद्ध का क्या परिणाम रहा? क्या हरिणी, नारायण के मोहनास्त्र से नीलांगी को पराजित कर सकी?
5) वैशाली नामक कन्या कौन थी? जो हनुका को ‘यति बाबा’ कह कर पुकारती थी?
6) ब्रह्मगुफा में स्थित ब्रह्मदंड का क्या रहस्य था?
7) क्या ब्रह्मलोक में स्थित मायावी मनके, व्योम के शरीर पर चढ़ा माँ गंगे का सुरक्षा कवच भेद पाये?
8) कौन था राजा सत्यकुल जो रात्रि में श्वेत रीक्ष में परिवर्तित होकर मायाताल में स्नान करने जाता था?
9) क्या नेत्रासुर का नेत्रयंत्र किसी को भी दूसरे समयकाल में भेज देता था?
10) विशाल पक्षज कौन था, जिसकी मूर्ति को निर्झरा ने अपने आधुनिक नगर में लगाया था?
11) कौन थी मृगंधा हिरणी जो आकाश में उड़ना भी जानती थी?
12) कौन थी वह विचित्र शक्ति, जिसने काले मेघ का रुप धारण कर, वर्तिका व सूर्यांश पर आक्रमण कर दिया?
13) कौन था विक्रांत? जो मयासुर पुस्तक को लिखते-लिखते अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था? वह बार-बार अलग-अलग स्थानों पर कैसे दिख रहा था?
ऐसे ही अनेकों विचित्र रहस्यों को जानने के लिये आइये पढ़ते हैं, ब्रह्मकथा की नवीनतम रचना, जिसमें आप स्वयं को एक ऐसे पौराणिक संसार में पायेंगे, जिसका हर एक पात्र आपके मस्तिष्क पर छा जायेगा। जिसका नाम है-
“ब्रह्मावली – ब्रह्मांड रहस्य”

Additional information

Weight 0.35 kg
Dimensions 22 × 13 × 3 cm

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