Description
सेंटिनल
लेखक – सूरज गाताडे
पृष्ठ : 224
रविंद्र वर्धान कोल्हापुर पुलिस डिपार्टमेंट का एक कर्तव्य तत्पर उपाधीक्षक था, जिसे अज्ञात ड्रग्स से हुई कुछ मौतों की खोजबीन से रोकने के लिए उसके परिवार को मार दिया जाता है। इस दुखद घटना से मायूस ना होकर गुनाहगारों को सजा दिलाने का रविंद्र दृढ़ संकल्प लेता है। पाकिस्तानी ड्रग कार्टेल के खिलाफ लड़ने के लिए फिर रविंद्र को एक वरिष्ठ क्लिनिकल फार्मास्युटिकल साइंटिस्ट देवांश जोशी से एक ऐसी सिंथेटिक दवा प्राप्त होती है जिससे इंसान असामान्य रूप से ताकतवर हो जाता है। पाकिस्तानी ड्रग कार्टेल के सरगना आदिल मलिक की वजह से हुई अनेक मासूम मौतों का बदला लेने के लिए रविंद्र वर्धान फिर ‘सेंटिनल’ नाम धारण कर लेता है और मलिक के साम्राज्य में सेंध लगाने का काम शुरू करता है। इस सफर में देवांश जोशी के साथ-साथ नैनोटेक इंजीनियर साधिका शाह ‘सेंटिनल’ की सहयोगी बन जाती है। आदिल मलिक से लड़ते हुए सेंटिनल उसके असल इरादों से रू-ब-रू होता है। आखिर क्या था मलिक का मकसद? और क्या ‘सेंटिनल’ उसे कामयाब होने से रोक सकेगा? जानने के लिए पढ़ें रहस्य रोमांच से भरी ‘सेंटिनल’ की यह कहानी।
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