Description
मनोज ठाकुर वो शख्श था जिस पर इन्का मेहरबान थी। इन्का वो जो एक कंकालिनी है। जो एक छिपकली है पर उसे आप छू नहीं सकते, देख नहीं सकते पर अगर वो आप के सिर पर सवार हो तो आपके लिये दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं। मनोज ठाकुर तो तंत्र-मंत्र आदि बातों को बकवास मानता था फिर आखिर वो ताकत उस पर क्यों मेहरबान हुई जिसे सिद्ध करने के लिये तांत्रिक न जाने किस किस तरह का तप करते हैं, अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। आखिर क्या खास था मनोज ठाकुर में और कैसे इन्का ने उसकी जिंदगी बदल दी। पढ़िये तंत्र मंत्र, पैरा साइकोलॉजी पर लिखा सबसे अनोखा उपन्यास।
सम्पूर्ण इन्का
712 पृष्ठों में लिखी अद्वितीय कहानी।
अब एक ही जिल्द में उपलब्ध
5 in 1 edition
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