Description
बसंती चोला
लेखक – परशुराम शर्मा
पृष्ठ – 464
आइसफोर्ट की किलिंग मशीन ‘बाजीगर’ वह अमोघ शस्त्र है जो शस्त्र नहीं उठाता, 440 वोल्ट से भी शक्तिशाली पॉवर से वार करता है। उसका नाम सुनते ही बड़े-से-बड़े मुजरिम की रूह फना हो जाती है। ‘बसंती चोला’ उसकी अब तक लड़ी गयी सबसे खौफनाक जंग है। बाजीगर की किलिंग जर्नी ‘बाज’ उपन्यास से हुई। इस बार वह शांजो कबीले की आखिरी जंग में उतरता है और लाशों के अम्बार लग जाते हैं। बाजीगर इन्सानियत के दुश्मनों का महाकाल है। मार्शल आर्ट्स के बड़े-बड़े दिग्गज महारथियों के सामने बाजीगर, अर्जुन की तरह इस महाभारत में उतरता है। उसके सारथी कृष्ण नहीं हैं । बस एक विचार है, उसके गुरु शाईतैन की मौत का विचार। कौरवों की शक्ल में दुनिया के बेरहम कातिलों की फौज है, यहाँ गांडीव नहीं है, हाथों में बारूद है, जिस्म मिसाइल है और खुद बाजीगर परमाणु बम से भी अधिक विनाशकारी है।
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